इंतज़ार आज के दिन का था बड़ी मुदत से
आज उस ने मुझे दीवाना कहा है यारो
मुड के देखूं तो किधर ? और सदा दूँ तो किसे ?
मेरे मांजी ने मुझे छोड़ दिया है यारो
कोई देता है दुआएं तो ये जल उठता है
मेरा जीवन किसी मन्दिर का दीया है यारो
मैं अंधेरे में रहूँ ! या उजाले में रहूँ !
ऐसा लगता है जैसे कोई देख रहा है यारो
जिसका कोई नही उस का तो खुदा है यारो
मैं नही कहता किताबो में लिखा है यारो
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