lucknow k nawab ki shayyiri
urdu ghazals, shayari.
Sunday, May 31, 2009
unknown
मोहब्बत हम भी कर लें गे
ये गलती तुम भी कर लेना
चलो तुम ही से कर लेंगे
किसी से तुम भी कर लेना
तुम्हें हम दोस्त कह्ते हैं
तो दोस्त तुम्हें मशवरा देंगे
मोहब्बत तुमने करनी है
सुनो ! हम ही से कर लेना
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