lucknow k nawab ki shayyiri
urdu ghazals, shayari.
Saturday, April 25, 2009
daag ki shayyiri
बुतों ! दीन-ओ-दुनिया में काफी है मुझको
खुदा का भरोसा, सहारा तुम्हारा
रूकावट ना होती तो दिल एक होता
तुम्हारा हमारा, हमारा तुम्हारा
सुना है किसी और को चाहता है
वो दुश्मन हमारा, वो प्यारा तुम्हारा
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