lucknow k nawab ki shayyiri
urdu ghazals, shayari.
Saturday, January 17, 2009
हम कुछ कह्ते नहीं
दर्द फिर भी छुपाये रखते हैं
आपसे मिलने के ज़ज्बात
अब भी दिल में संजोये रखते है
कया हुआ अगर तुम कहीं दूर हो
प्यार तो सीने में दबाये रखते है
चाहत पर कोई जोर नहीं
तुम्हे चाहने की इजाज़त हम
फिर भी बनाये रखते है
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