lucknow k nawab ki shayyiri
urdu ghazals, shayari.
Monday, December 22, 2008
anjum rahbar ki shayyiri
जिनके आँगन में अमीरी का शजर[tree] लगता है
उनका हर ऐब ज़माने को हुनर लगता है
चाँद तारे मेरे क़दमों में बिछे जाते हैं
ये बुजुर्गों कि दुआओं का असर लगता है
माँ मुझे देख के नाराज़ ना हो जाये कहीं
सर पे आँचल नहीं होता है तो डर लगता है
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