हम बेखबर थे....आप ने हमे इससे मसरूफ रख दिया...
साथ तो देते कुछ पल......पर.....हमे ही दूर रख दिया....
ज़िन्दगी में ऐसे कई लम्हा आता है....
जब अपने नही...पर पराये ही काम आते है..
इतना ही अब गुजारिश है....
ग़म हो या खुशी..हमसे बाँट ने की फरमाइश है....
गर है यकीन हमारी दोस्ती पे तो अब से....
हल-ऐ-दिल बताने के...साजिश है...
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