दुश्मन को भी सीने से लगना नही भूले
हम अपने बुजुर्गों का ज़माना नही भूले
तुम आंखों की बरसात बचाए हुए रखना
कुछ लोग अभी आग लगाना नहीं भूले
ये बात अल्लग, हाथ कलम हो गए अपने
हम आप की तस्वीर बनाना नहीं भूले
इक उमर हुई मैं तो हँसी भूल चुका हूँ
तुम अब भी मेरे दिल को दुखाना नहीं भूले
Sunday, May 31, 2009
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