जब तेरी जान हो गई होगी
जान हैरान हो गई होगी
शब् था मेरा निगाह का बोझ उस पर
वो तो हलकान हो गई होगी
उसकी खातिर हुआ मैं खार बहुत
वो मेरी आन हो गई होगी
हो के दुश्वार जिंदगी अपनी
कितनी आसान हो गई होगी
बे_गिला हूँ मैं अब बहुत दिनों से
वो परेशां हो गई होगी
एक हवेली थी दिल मुहाले में
अब वो वीराँ हो गई होगी
उससके कुचे में आई थी शरीन
उसकी दरबान हो गई होगी
कमसिनी में बहुत शरीर थी वो
अब तो शैतान हो गई होगी
Saturday, May 30, 2009
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