हमारे दिल की मत पूछो बड़ी मुश्किल में रहता है
हमारी जान का दुश्मन हमारे दिल में रहता है
सुकून मिलता है हमको बस तुम्हारे शहर में आकर
यहीं वो नूर सा चेहरा कहीं महमिल में रहता है
कोई शाएर बताता है कोई कहता है पागल भी
मेरा चर्चा हमेशा आपकी महफिल में रहता है
वो मालिक है सब उसका है वो हर ज़र्रे में है गाफिल
वही दाता में मिलता है वही साइल में रहता है
वो चुटकी में ही करता है तुम्हारी मुश्किलें आसान
खुदा को चाहने वाला कभी मुश्किल में रहता है !
Monday, March 23, 2009
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