जिनदगी है की हरिक हाल में कट जाती है
आपने दिल् से भुलाया तो है, कोई बात नहीं
आपको याद हमारी भी तो आती होगी
नाम मुँह पर नहीं आया है, कोई बात नहीं
हमको खुशबू तो उन् आँखों की मिली है हरदम
प्यार अगर मिल नहीं पाया है, कोई बात नहीं
उन्के नाखून काटने की है चर्चा घर घर
हमने सर भी जो कटाया है, कोई बात नहीं
फीर बहारें आएँगी फीर बाग़ में फूलेंगे "गुलाब'
जी तो ऐसे ही भर आया है, कोई बात नहीं
Wednesday, March 18, 2009
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