Monday, December 22, 2008
khayal ki shayyiri
वहम होगा तो उससे यकीं कह देंगे आसमान को गिरा देंगे, ज़मीं कह देंगे अपना मकसद के लिए अहले-हवस, कया मालूम किसको गुलफाम किसे माहज़बीं कह देंगे ! उम्र भर खुल के न हो पायेगी बातें बाहम(एक दुसरे से) दोनों डरते हैं कि गैरों से कहीं कह देंगे अबके सोचा है कि हम पूछ ही डालेंगे सवाल और कया होगा बहुत ! आप 'नहीं' कह देंगे ! काम होगा कि न होया, ये तो जाने मालिक आप कह्ते हैं तो हम अपनी तईं(अपनी और से) कह देंगे आज़माइश के मयारों से हैं वाकिफ़ हम भी इम्तिहान सख्त न लोगे तो हमीं कह देंगे दिल दिमाग और बदन के भी तनासुब[balance] पे 'ख्याल' वो खरा उतरे तो, हम उसको हसीं कह देंगे
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