जिनके आँगन में अमीरी का शजर[tree] लगता है
उनका हर ऐब ज़माने को हुनर लगता है
चाँद तारे मेरे क़दमों में बिछे जाते हैं
ये बुजुर्गों कि दुआओं का असर लगता है
माँ मुझे देख के नाराज़ ना हो जाये कहीं
सर पे आँचल नहीं होता है तो डर लगता है
Monday, December 22, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment